5 SIMPLE STATEMENTS ABOUT SHIV CHALISA LYRICSL EXPLAINED

5 Simple Statements About shiv chalisa lyricsl Explained

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जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥

भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥

लोकनाथं, शोक – शूल – निर्मूलिनं, शूलिनं मोह – तम – भूरि – भानुं ।

धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥

O Glorious Lord, consort of Parvati You will be most merciful . You usually bless the very poor and pious devotees. Your gorgeous form is adorned Using the moon on the forehead and with your ears are earrings of snakes' hood.

अर्थ: हे प्रभु वैसे तो जगत के नातों में माता-पिता, भाई-बंधु, नाते-रिश्तेदार सब होते हैं, लेकिन विपदा shiv chalisa lyricsl पड़ने पर कोई भी साथ नहीं देता। हे स्वामी, बस आपकी ही आस है, आकर मेरे संकटों को हर लो। आपने सदा निर्धन को धन दिया है, जिसने जैसा फल चाहा, आपकी भक्ति से वैसा फल प्राप्त किया है। हम आपकी स्तुति, आपकी प्रार्थना किस विधि से करें अर्थात हम अज्ञानी है प्रभु, अगर आपकी पूजा करने में कोई चूक हुई हो तो हे स्वामी, हमें क्षमा कर देना।

मंत्र महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम् - अयि गिरिनन्दिनि

दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥

देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥

ईश्वर ने मेरे भाग्य में क्या लिखा है - प्रेरक कहानी

अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन क्षार लगाए॥

कीन्ही दया तहं करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥

लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट ते मोहि आन उबारो॥

सांचों थारो नाम हैं सांचों दरबार हैं - भजन

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